विदुरनीति:
अर्थम् महान्तमासाद्य विद्यामैश्वर्यमेव वा ।
विचरत्यसमुन्नद्धो य: स पंडित उच्यते ॥
भावार्थ :- जो व्यक्ति विपुल धन-संपत्ति, ज्ञान, ऐश्वर्य, श्री इत्यादि को प्राप्त करके भी अहंकार नहीं करता, वह ज्ञानी कहलाता है। अतः अहंकार से हमें बचना चाहिए।
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