Sanskrit shlok Arth

Saturday, August 21, 2021

रक्षा बंधन की शुभकामनाएं संस्कृत में


 रक्षा बंधन की शुभकामनाएं संस्कृत में



                येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
              तेन त्वाम् अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥     

अर्थ:- दानवों के महाबली राजा बलि जिससे बांधे गए थे, उसी तरह से यह रक्षा सूत्र तुम्हें बांधती हुं। हे रक्षा ! तुम स्थिर रहना, स्थिर रहना।




                   
                          मम भ्राता!

प्रार्थयामहे भव शतायु: ईश्वर सदा त्वाम् च रक्षतु।

पुण्य कर्मणा कीर्तिमार्जय जीवनम् तव भवतु सार्थकम् ।।


अर्थ :-

                                   मेरे भैया!

प्रार्थना है की आप सौ साल जियें, ईश्वर सदा आपकी रक्षा करें,

पुण्य कर्मों से कीर्ति अर्जित करें और इस तरह आपका जीवन सार्थक हो।

1 comment:

  1. सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु: निरामया:
    अर्थ:-
    सभी सुखी रहें। सभी स्वस्थ रहें।

    रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं
    विक्रम सिंह

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संस्कृत श्लोक

धनतेरस की शुभकामनाएं

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