Sanskrit shlok Arth

Friday, August 27, 2021

माता मित्रं पिता चेति श्लोक का अर्थ

 


*माता मित्रं पिता चेति*

*स्वभावात् त्रितयं हितम्।*

*कार्यकारणतश्चान्ये*

*भवन्ति हितबुद्धयः॥*


अर्थात - माता, पिता और मित्र तीनों ही स्वभावतः ही हमारे हित के लिए सोचते हैं, वे हमारे हित करने के बदले में किसी प्रकार की अपेक्षा नहीं रखते। इन तीनों के सिवाय अन्य लोग यदि हमारे हित की सोचते हैं तो वे उसके बदले में हमसे कुछ न कुछ अपेक्षा भी रखते हैं।


*🙏💐🌻मङ्गलं सुप्रभातम्🌻💐🙏*

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