यदा न कुरुते पापं सर्वभूतेषु कर्हिचित्।
कर्मणा मनसा वाचा ब्रह्म सम्पद्यते तदा।।
जब कर्म, मन और वाणी से पुरुष सभी प्राणियों के प्रति कोई पाप नहीं करता, तब वह ब्रह्म को प्राप्त कर लेता है।
#महाभारत, आदिपर्व 16.52
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:। अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय।। आप सभी को धनतेरस पर्व की हार्दिक शुभकामना...
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