Sanskrit shlok Arth

Saturday, June 19, 2021

यदा न कुरुते पापं सर्वभूतेषु कर्हिचित् श्लोक का अर्थ


 

यदा न कुरुते पापं सर्वभूतेषु कर्हिचित्। 

कर्मणा मनसा वाचा ब्रह्म सम्पद्यते तदा।।


जब कर्म, मन और वाणी से पुरुष सभी प्राणियों के प्रति कोई पाप नहीं करता, तब वह ब्रह्म को प्राप्त कर लेता है।


#महाभारत, आदिपर्व 16.52 

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